सोमवार, ३१ ऑक्टोबर, २०११

इंग्लंड तू आखिर क्यू रोता है ?

जब जब बारीश का बादल छाया ..

जब भी match को छोटा बनाया ..

जब भी duckworth-lewis लगाया ..

तुमने हमे खुदके घर मे हराया ..


हमने इंग्लंड को यही समझाया ..

इंग्लंड, आखिर तू क्यू खुश होता है ..

हर कोई अपनी गली मी शेर होता है ...


ये जो whitewash के सन्नाटे है ...

क्रिकेट मी सभी को बांटे है ..

थोडी हार है सबका किस्सा ..

इंडिया मे हारना तो है पुराना किस्सा ..

आंख तेरी बेकार ही नम है ..

Tests नही है सिरीज मे, ये क्या कम है ? ..

क्यू ना तू इससे खुश होता है ..

इंग्लंड तू आखिर क्यू रोता है ?


- कौस्तुभ सोमण

based on Imran's Shayari from "Zindagi Na Milegi Dobara"

द्रविड अभिमान गीत

लाभले आम्हास भाग्य , खेळतो द्रविड ..

जाहलो खरेच धन्य, पाहतो द्रविड ..

जरी संथ , तरी संत जाणतो द्रविड ..

एवढ्या जगात एकच "भिंत" द्रविड ..


संघात सर्वात वयोवृद्ध द्रविड ..

संघात सर्वात तंत्रशुद्ध द्रविड ..

संघात सर्वात शिस्तबद्ध द्रविड ..

आजही स्वतःस करतो सिद्ध द्रविड ...


कसोटीत विक्रमी झेल झेलतो द्रविड ..

२२ चेंडूत ५० धावा, ठोकतो द्रविड ..

त्रिशतकी भागिदाऱ्यात , सामील द्रविड ..

सईद अन्वर , c †Mongia b द्रविड ...


धोनी बॉलर तेंव्हा किपर द्रविड ...

सेहवाग जखमी तेंव्हा ओपनर द्रविड ..

दादा अपयशी तेंव्हा नेतृत्व द्रविड ..

१५ वर्षांचे थोर कर्तुत्व द्रविड ...


तरुणांना संधी, बाहेर बसतो द्रविड ..

सिलेक्टर्स चे अपमान सोसतो द्रविड ..

कठीण समय येता परी स्मरतो द्रविड ..

अर्धशतक करूनच मग निवृत्त द्रविड ...


- कौस्तुभ सोमण